#करुणा अस्पताल
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healthaawaj · 2 years ago
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करुणा अस्पतालको कमाण्ड ३७ वर्षीया डा. शोभाको काँधमा
करुणा अस्पतालको कमाण्ड ३७ वर्षीया डा. शोभाको काँधमा
बुढानिलकण्ठ चुनिखेलस्थित करुणा अस्पतालको नेतृत्व डा. शोभा महर्जनले गर्दैछिन् । एक वर्षयता अस्पतालको मेडिकल निर्देशकको जिम्मेवारी लिएकी ३७ वर्षीया डा. शोभा पेशाले नाक, कान, घाँटी रोग विशेषज्ञ हुन् । यी युवा चिकित्सकले झण्डै ६ महिना चिफ अपरेटिङ अफिसर (सिओओ)को भूमिकामा रहेर पनि अस्पताल व्यवस्थापनमा आफ्नो कुशलता देखाइसकेकी छन् । हेल्थ सेक्टरमा उदाउँदैं गरेको करुणा अस्पतालमा व्यवस्थापकीय भूमिका रहेर…
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easy-treatment-healthcare · 11 months ago
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हैदराबाद, भारत में अचलासिया कार्डिया के लिए वरिष्ठ डॉक्टर
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भारत में हैदराबाद में अचलासिया कार्डिया के उपचार में माहिर डॉक्टरों में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में डॉ. नागेश्वर रेड्डी, यशोदा अस्पताल में डॉ. ए राकेश कुमार और डॉ. रवि कुमार चित्तोरिया शामिल हैं। महानगरीय अस्पताल। ये डॉक्टर एक्लेसिया कार्डिया के निदान और उपचार में अपनी विशेषज्ञता के लिए अत्यधिक अनुभवी और प्रसिद्ध हैं, जो रोगियों को उन्नत चिकित्सा और सर्जिकल हस्तक्षेप प्रदान करते हैं। हैदराबाद में एक्लेसिया कार्डिया का इलाज चाहने वाले मरीज इन प्रमुख डॉक्टरों से परा��र्श कर सकते हैं।
एक डॉक्टर को देखने योग्य विशेषताएं
डॉक्टर की तलाश करते समय कई बातों पर विचार करना आवश्यक है। पहले, अनुभव और विशेषज्ञता महत्वपूर्ण हैं। एक डॉक्टर के पास मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज करने के लिए आवश्यक योग्यताएं और एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए। बातचीत करना भी महत्वपूर्ण है। एक अच्छे डॉक्टर को अपने मरीजों को सुनने की क्षमता होनी चाहिए, साथ ही चिकित्सा नियमों को स्पष्ट और आसानी से उपलब्ध कराने की क्षमता होनी चाहिए। डॉक्टरों में करुणा और सहानुभूति भी देखने लायक महत्वपूर्ण गुण हैं क्योंकि वे एक सहायक और देखभाल करने वाले रोगी-डॉक्टर रिश्ते में योगदान करते हैं। डॉक्टरों की उपलब्धता और पहुंच भी महत्वपूर्�� हैं क्योंकि जरूरत पड़ने पर उन तक पहुंचने में सक्षम होना आवश्यक है। अंततः, एक डॉक्टर जो नवीनतम चिकित्सा प्रगति और प्रौद्योगिकियों से अद्यतित है, सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होगा।
जीवन की गुणवत्ता में सुधार और जटिलताओं को रोकने के लिए एक्लेसिया कार्डिया के लिए उपचार खोजना महत्वपूर्ण है। एक्लेसिया कार्डिया का हिंदी अर्थ है उपचार के विकल्प, सफल सर्जरी और भारत के शीर्ष डॉक्टरों को जानकर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य देखभाल के बारे में सही निर्णय ले सकता है। एक्लेसिया कार्डिया का प्रबंधन सही उपचार और अनुभवी डॉक्टरों के समर्थन से संभव है, जिससे निगलने में सुधार और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।
ईज़ी ट्रीटमेंट हेल्थकेयर का आपका चुनाव क्यों है?
ईज़ी ट्रीटमेंट हेल्थकेयर का चुनाव करने के कई कारण थे। पहले, शीर्ष अस्पतालों और उच्च योग्य चिकित्सकों का उनका व्यापक नेटवर्क उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, वे रोगियों और उनके परिवारों को मानसिक शांति प्रदान करते हैं, क्योंकि वे प्रारंभिक परामर्श से लेकर पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल तक व्यक्तिगत सहायता और समर्थन प्रदान करते हैं। इसके अलावा, उनके लागत प्रभावी उपचार विकल्प और पारदर्शी मूल्य निर्धारण स्वास्थ्य देखभाल को अधिक आसान और किफायती बनाते हैं। कुल मिलाकर, ईज़ी ट्रीटमेंट हेल्थकेयर व्यक्तिगत देखभाल, सामर्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता और उत्कृष्ट है।
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sethiquotes · 3 years ago
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*---प्रभु पर छोड़ने से लाभ---*
*अब डूबने का मुझे क्यों खौफ प्रभु*
*जब नाव भी तेरी, दरिया भी तेरा*
*लहरें भी तेरी, हम भी तेरे।*
*एक साधु भिक्षा लेने एक घर में गये । उस घर में माई भोजन बना रही थी और पास में बैठी उसकी लगभग 8 वर्ष की पुत्री बिलख-बिलखकर रो रही थी ।*
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*साधु का हृदय करुणा से भर गया, वे बोले : ‘‘माता ! यह बच्ची क्यों रो रही है ?’’*
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*माँ भी रोने लगी, बोली : ‘‘महाराजजी ! आज रक्षाबंधन है । मुझे कोई पुत्र नहीं है । मेरी बिटिया मुझसे पूछ रही है कि ‘मैं किसके हाथ पर राखी बाँधूँ ?’*
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*समझ में नहीं आता कि मैं क्या उत्तर दूँ, इसके पिताजी भी नहीं हैं ।’’*
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*साधु ऊँची स्थिति के धनी थे, बोले : ‘‘हे भगवान ! मैं साधु बन गया तो क्या मैं किसी का भाई नहीं बन सकता !*
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*बालिका की तरफ हाथ बढ़ाया और बोले : ‘‘बहन ! मैं तुम्हारा भाई हूँ, मेरे हाथ पर राखी बाँधो।*
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*साधु ने राखी बँधवायी और लीला नामक उस बालिका के भाई बन गये । लीला बड़ी हुई, उसका विवाह हो गया ।*
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*कुछ वर्षों बाद उसके पेट में कैंसर हो गया । अस्पताल में लीला अंतिम श्वास गिन रही थी । घरवालों ने उसकी अंतिम इच्छा पूछी ।*
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*लीला ने कहा : ‘‘मेरे भाईसाहब को बुलवा दीजिये ।’’*
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*साधु महाराज ने अस्पताल में ज्यों ही लीला के कमरे में प्रवेश किया, त्यों ही लीला जोर-जोर से बोलने लगी : ‘‘भाईसाहब ! कहाँ है भगवान ?*
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*कह दो उसे कि या तो लीला की पीड़ा हर ले या प्राण हर ले, अब मुझसे कैंसर की पीड़ा सही नहीं जाती ।’’*
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*लीला लगातार अपनी प्रार्थना दोहराये जा रही थी । साधु महाराज लीला के पास पहुँचे और उन्होंने शांत भाव से कुछ क्षणों के लिए आँखें बंद कीं,फिर अपने कंधे पर रखा वस्त्र लीला की तरफ फेंका और बोले : ‘‘जाओ बहन ! या तो प्रभु तुम्हारी पीड़ा हर लेंगे या प्राण ले लेंगे ।’’*
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*उनका बोलना, वस्त्र का गिरना और लीला का उठकर खड़े हो जाना - सब एक साथ हो गया लीला बोल उठी : ‘‘कहाँ है कैंसर ! मैं एकदम ठीक हूँ, घर चलो ।’’*
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*लीला की जाँच की गयी, कैंसर का नामोनिशान नहीं मिला । घर आकर साधु ने हँसकर पूछा : ‘‘लीला ! अभी मर जाती तो ?’’*
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*लीला बोली : ‘‘मुझे अपने दोनों छोटे बच्चों की याद आ रही थी, उनकी चिंता हो रही थी ।’’*
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*‘‘इसलिए प्रभु ने तुम्हें प्राणशक्ति दी है, बच्चों की सेवा करो, बंधन तोड़ दो, मरने के लिए तैयार हो जाओ ।’’*
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*ऐसा कहकर साधु चले गये ।*
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*लीला सेवा करने लगी, बच्चे अब चाचा-चाची के पास अधिक रहने लगे । ठीक एक वर्ष बाद पुनः लीला के पेट में पहले से जबरदस्त कैंसर हुआ, वही अस्पताल, वही वार्ड, संयोग से वही पलंग !*
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*लीला ने अंतिम इच्छा बतायी : ‘‘मेरे भाई साहब को बुलाइये ।’’*
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*साधु बहन के पास पहुँचे, पूछा : ‘‘क्या हाल है ?’’*
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*लीला एकदम शांत थी, उसने अपने भाई का हाथ अपने सिर पर रखा, वंदना की और बोली :* 
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*‘‘भाईसाहब ! मैं शरीर नहीं हूँ, मैं अमर आत्मा हूँ, मैं प्रभु की हूँ, मैं मुक्त हूँ...’’ कहते-कहते ॐकार का उच्चारण करके लीला ने शरीर त्याग द���या ।*
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*लीला के पति दुःखी होकर रोने लगे । साधु महाराज उन्हें समझाते हुए बोले : ‘‘भैया ! क्यों रोते हो ?*
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*अब लीला का जन्म नहीं होगा, लीला मुक्त हो गयी ।’’ फिर वे हँसे और दुबारा बोले : ‘‘हम जिसका हाथ पकड़ लेते हैं, उसे मुक्त करके ही छोड़ते हैं ।’’*
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*पति का दुःख कम हुआ । उन्होंने पूछा : ‘‘महाराज ! गत वर्ष लीला तत्काल ठीक कैसे हो गयी थी, आपने क्या किया था ?’’*
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*‘‘गत वर्ष लीला ने बार-बार मुझसे पीड़ा या प्राण हर लेने के लिए प्रभु से प्रार्थना करने को कहा ।*
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*मैंने प्रभु से कहा : ‘हे भगवान् ! अब तक लीला मेरी बहन थी, इस क्षण के बाद वह आपकी बहन है, अब आप ही सँभालिये ।’*
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*प्रभु पर छोड़ते ही प्रभु ने अपनी बहन को ठीक कर दिया । यह है प्रभु पर छोड़ने की महिमा !’’*
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*इंसाँ की अज्म से जब दूर किनारा होता है ।*
   *तूफाँ में टूटी किश्ती का एक भगवान् ही सहारा होता है ।।*
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*ऐसे ही जब आपके जीवन में कोई ऐसी समस्या, दुःख, मुसीबत आये जिसका आपके पास हल न हो तो आप ��ी घबराना नहीं*
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*बल्कि किसी एकांत कमरे में चले जाना और भगवान, सद्गुरु के चरणों में प्रार्थना करके सब कुछ उनको सौंप देना और शांत-निर्भार हो जाना ।*
.*फिर जिसमें आपका परम मंगल होगा, परम हितैषी परमात्मा वही करेंगे।*
                    *****
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mithilanchaltoday · 3 years ago
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डा रामकुमार श्रेष्ठले गरे सगरमाथाको सफल आरोहण :: स्वास्थ्यखबर :: स्वास्थ्य खबरपत्रिका
डा रामकुमार श्रेष्ठले गरे सगरमाथाको सफल आरोहण :: स्वास्थ्यखबर :: स्वास्थ्य खबरपत्रिका
काठमाडौं- डा रामकुमार श्रेष्ठ सहितको टोलीले सर्वोच्च शिखर सगरमाथाको सफल आरोहण गरेको छ। डा श्रेष्ठको टोलीले सोमबार बिहान ४ बजे सगरमाथाको सफल आरोहण गरेका हुन्।  डा श्रेष्ठ करुणा अस्पतालका सिइओ हुन्। उनी न्यूरो सर्जन हुन्।  डा श्रेष्ठले सगरमाथाको सफल आरोहण गरेपछि करुणा अस्पताल प्रशासनले खुशी व्यक्त गरेको छ। अस्पतालले डा श्रेष्ठलाई स्वागत गर्न तयार रहेको भन्दै सामाजिक सञ्जालमा लेखेको छ। यसअघि डा…
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mohaneyehospital01-blog · 3 years ago
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ईएनआई सबरंग और मोहन आई हॉस्पिटल के तत्वाधान में आज अटल जयंती के उपलक्ष में एक कवि सम्मेलन किया गया कवि सम्मेलन में डॉ आदित्य त्यागी को सम्मानित किया गया कार्यक्रम में ईएनआई के निदेशक करुणा निधि गुप्ता मोहन अस्पताल के निर्देशक अंकुश शर्मा महेश पाल शिवम मिश्रा आदि मोजुद रहे https://www.instagram.com/p/CX6S_cCJvBp/?utm_medium=tumblr
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abhay121996-blog · 3 years ago
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प्रधानमंत्री ने मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया के सर्वोच्च प्रमुख के निधन पर जताया शोक Divya Sandesh
#Divyasandesh
प्रधानमंत्री ने मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया के सर्वोच्च प्रमुख के निधन पर जताया शोक
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया के सर्वोच्च प्रमुख के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए चर्च के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
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मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया के सर्वोच्च प्रमुख बेसेलियस मारथोमा पॉलोस द्वितीय का रविवार देर रात केरल में निधन हो गया।
Saddened by the passing away of His Holiness Moran Mar Baselios Marthoma Paulos II, the Supreme Head of Indian Orthodox Church. He leaves behind a rich legacy of service and compassion. In this hour of grief, my thoughts are with the members of the Orthodox Church. RIP. — Narendra Modi (@narendramodi) July 12, 2021
वह 74 साल के थे। कोरोना के बाद की जटिलताओं के कारण वह अस्पताल में भर्ती थे। वह फरवरी में कोरोना से ठीक हो गए थे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “भारतीय ऑर्थोडॉक्स चर्च के सर्वोच्च प्रमुख परम पावन मोरन मार बेसेलियोस मारथोमा पॉलोस द्वितीय के निधन से दुखी हूं। वह अपने पीछे सेवा और करुणा की समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं ऑर्थोडॉक्स चर्च के सदस्यों के साथ हैं। आरआईपी।”
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khsnews · 4 years ago
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पटना एम्स की पांचवीं मंजिल से कूदा कोरोना मरीज, मौत, चौथा आत्महत्या का मामला
पटना एम्स की पांचवीं मंजिल से कूदा कोरोना मरीज, मौत, चौथा आत्महत्या का मामला
पटना एम्स से एमनेस पर हमले में करुणा के मरीज की मौत (फाइल फोटो) कोरोना पेशेंट सुसाइड : मृतक रामचंद्र बेंगलुरु की एक राइस मिल में लेबर कांट्रेक्टर का काम करता था और दो मई को बेंगलुरु से घर लौटा था. पटना बड़ी खबर पटना एम्स से है जहां अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती एक मरीज ने पांचवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. मृतक की पहचान बेगूसराय के चटोरा गांव निवासी रामचंद्र शाह के रूप में हुई है,…
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asr24news · 4 years ago
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छत्तीसगढ़ समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष करुणा शुक्ला का कोरोना से निधन
छत्तीसगढ़ समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष करुणा शुक्ला का कोरोना से निधन
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी थीं पूर्व सांसद करुणा शुक्ला रायपुर। छत्तीसगढ़ समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती करुणा शुक्ला का सोमवार 26 अप्रैल 2021 की देर रात कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। चिकित्सकों के काफी प्रयास के बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्होंने रायपुर के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। श्रीमती करुणा शुक्ला देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी…
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viralnewsofindia · 4 years ago
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अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का कोरोना से निधन
अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का कोरोना से निधन
रायपुर:  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का सोमवार की देर रात यहां के एक अस्पताल में निधन हो गया। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से कांग्रेस नेता करुणा शुक्ला का रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में इलाज चल रहा था। (more…)
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healthaawaj · 3 years ago
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सर्जन डा. रामकुमारको हुटहुटीमा जन्मिएको करुणा अस्पताल, दुई वर्षमै जहाँ काम गर्छन् २ सय बढी कर्मचारी
सर्जन डा. रामकुमारको हुटहुटीमा जन्मिएको करुणा अस्पताल, दुई वर्षमै जहाँ काम गर्छन् २ सय बढी कर्मचारी
काठमाडौं बुढानिलकण्ठको चुनिखेल । एउटा भित्री गाउँ । भर्खरै नयाँ वस्तीहरु निर्माण हुने क्रममा थिए । त्यही वस्तीका एक स्थानीय तन्नेरी गाउँमै हस्पिटल बनाउन तम्सिए । भन्नेहरु���े त भनेपनि ‘यो बौलायो’ । हुर्किदैं गाउँले बुढापाकाको आँखामा उनी डाक्टर बन्ने सपना दौडिरहेको थियो । किनभने, उनी पढाइमा तेज थिए । आफूबाट उपचारको सपना देखेका बुढापाकाहरुको ‘भावनात्मक शक्ति’कै अस्पताल खोल्न तम्सिएका ती तन्नेरीलाई…
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#पूर्व #प्रधानमंत्री #अटल #विहारी #वाजपेयी की भतीजी और #कांग्रेस की वरिष्ठ #नेत्री करुणा शुक्ला का मंगलवार को #निधन हो गया। करुणा शुक्ला #कोरोना संक्रमित थी और उनका इलाज #रायपुर के एक #अस्पताल में चल रहा था। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने रात 12 बजकर 40 मिनट पर आखीरी #सांस ली। Manish Kumar Priyadarhi (Reporter) https://t.me/khulasa24live (at Raipur - Capital of Chhattisgarh) https://www.instagram.com/p/COKlGXMDIUQ/?igshid=5kev7b9xygaw
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mrdevsu · 4 years ago
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पूर्व पीएम वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का कोरोना से निधन, रायपुर के अस्पताल में ली आखिरी सांस
पूर्व पीएम वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का कोरोना से निधन, रायपुर के अस्पताल में ली आखिरी सांस
पूर्व पीएम वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का कोरोना से निधन, रायपुर के अस्पताल में ली आखिरी सांस। Source link
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everynewsnow · 4 years ago
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सतीश कौशिक ने बेटी के साथ फोटो शेयर करते हुए कहा कि वे COVID - Times of India से उबर रहे हैं
सतीश कौशिक ने बेटी के साथ फोटो शेयर करते हुए कहा कि वे COVID – Times of India से उबर रहे हैं
अभिनेता-फिल्म निर्माता सतीश कौशिक, जिसने परीक्षण किया कोविड कुछ समय पहले सकारात्मक, बेटी के साथ एक तस्वीर साझा की वंशिका मंगलवार को अस्पताल से। उसने जोड़ा कि दोनों ठीक हो रहे थे। “पिता-बेटी COVID मुक्त दुनिया के लिए उम्मीद कर रहे हैं .. धन्यवाद कहने के लिए एक बहुत छोटा सा शब्द है लेकिन बड़ी कृतज्ञता और भावनाएं और करुणा है जब आप इसे सबसे प्यारे दोस्तों को उर कहते हैं जो कठिन समय में आपके साथ खड़े…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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ऐसे वक्त में उन्हे हंसी कैसे आ सकती है? : प्रियंका गांधी Divya Sandesh
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ऐसे वक्त में उन्हे हंसी कैसे आ सकती है? : प्रियंका गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि वह महामारी के कारण पूरी तरह तबाह हो गई हैं, बिना चिकित्सा सहायता के लोगों के मरने की खबर मिल रही है। आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह समय प्रधानमंत्री के लिए प्रचार अभियान चलाने का नहीं, बल्कि लोगों की आंखों के आंसू पोंछने और नागरिकों को घातक वायरस से बचाने का समय है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी करुणा के साथ काम कर रही है और जरूरतमंदों की मदद करने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह प्रधानमंत्री से सवाल करती हैं-क्या राजनीतिक रैलियों में हंसने का समय है?
सवाल : देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद सरकार की प्रतिक्रिया को आप किस रूप में देखते हैं?
जवाब : सरकार की प्रतिक्रिया बेहद निराशाजनक रही है। प्रधानमंत्री अभी भी अपने चुनाव अभियान में लगे हुए हैं, जबकि लोग कोविड की सबसे बुरी लहर से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में, जब सरकार को हमारे चारों ओर फैली भयावह स्थिति से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वह व्यावहारिक रूप से अनुपस्थित प्रतीत होती है। यहां तक कि विपक्षी दलों के रचनात्मक सुझावों को स्वीकार करने के बजाय राजनीतिकरण के रूप में खारिज किया जा रहा है। देश गंभीर संकट में है और हर एक जीवन मायने रखता है, इसलिए हम सभी को एक साथ खड़े होकर जीवन बचाने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करना चाहिए।
पहली और दूसरी लहर के बीच योजना और तैयारी की कमी जैसी लापरवाही और अक्षम शासन का मैंने पहले कभी नहीं देखा है।
सवाल : क्या आपको लगता है कि टीकों के निर्यात से बचा जा सकता था?
जवाब : मैं कहना चाहूंगी कि सत्तर वर्षों के अग्रगामी सोच वाले शासन की बदौलत आज भारत विश्व में टीकों का सबसे ब���़ा निर्माता है। फिर भी, जनवरी 2021 और मार्च 2021 के बीच, मोदी जी की सरकार ने दुनिया भर के देशों को टीकों की 6 करोड़ खुराकों का निर्यात किया। नेपाली सेना को एक लाख खुराक भेंट की गई थी, मॉरीशस को कई अन्य राष्ट्रों की तरह 2 लाख खुराकें मिलीं। इसी अवधि के दौरान भारतीय नागरिकों को टीकों की केवल 3 से 4 करोड़ खुराकें ही दिलाई गईं। मोदी सरकार ने भारतीय जीवन को दांव पर लगाकर विदेशी जनसंपर्क और आत्म-संवर्धन को प्राथमिकता क्यों दी?
सवाल : क्या आपको लगता है कि सरकार तैयार नहीं थी और अनदेखी की गई?
जवाब : जब अन्य देशों में दूसरी लहर चरम पर थी, पिछले 6 महीनों में भारत ने 10.1 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन निर्यात किया। अभी 5 दिन पहले निर्यात रोका गया है। अब साफ हो गया है कि देशभर में रेमडेसिविर की कमी हो गई है।
सवाल : मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित क्यों नहीं किया कि रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाया जाए और इसे दूसरे देशों को निर्यात करने की अनुमति देने से पहले हर भारतीय को उपलब्ध कराया जाए?
जवाब : आगे की सोच वाले वर्षो के शासन के सौजन्य से आज भारत दुनिया में ऑक्सीजन के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। हालांकि, पूरे भारत के अस्पतालों में डॉक्टर, मरीज और उनके परिवार के सदस्य ऑक्सीजन के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, क्योंकि यह बीमारी एक बार फिर से उछाल पर है। दरअसल, ऑक्सीजन का पर्याप्त उत्पादन न होना समस्या है। भारत ���ें प्रतिदिन 7500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता है। कोविड की पहली लहर जब चरम पर थी, हमारे अस्पतालों की सामूहिक आवश्यकता प्रति दिन आधे से भी कम मात्रा में थी। अभी ऑक्सीजन का परिवहन बढ़ने पर भी किल्लत हो गई है, क्योंकि 2000 से कम ही विशेष ट्रक उपलब्ध हैं।
सवाल : मोदी सरकार ने मार्च 2020 में महामारी की पहली लहर के बीच वर्ष में पूरे भारत में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए पर्याप्त रसद के उत्पादन और उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए क्या किया और मोदी सरकार ने पिछले एक साल में अस्पताल के बिस्तरों और वेंटिलेटरों की संख्या के लिहाज से भारत की क्षमता बढ़ाने के लिए क्या किया?
जवाब : यूपी में दूसरी लहर आई विनाशकारी, देखिए, राज्य की राजधानी से आ रही हैं, परेशान करने वाली तस्वीरें। मैंने राज्यभर में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कई बैठकें की हैं और इस बात पर चर्चा की है कि इन दुखद समय के दौरान हम लोगों के समर्थन के लिए क्या कर सकते हैं। मैंने अपने सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं से कहा है कि वे जनता के साथ लगातार संवाद में रहें और अस्पताल के बिस्तरों, ऑक्सीजन, दवाइयों आदि तक पहुंच के साथ लोगों की सहायता करने के लिए ��ो कुछ भी अपनी शक्ति में है, वह करें। हमारे सभी नेता और कार्यकर्ता इस उद्देश्य के लिए जितना कर सकते हैं, कर रहे हैं।
ऐसे समय में आवश्यक समर्थन और संवेदनशीलता प्रदान करने के बजाय जब लगभग हर एक परिवार संकट से जूझ रहा है, यूपी सरकार जनता के प्रति हमलावर के रूप में काम कर रही है। संवेदनहीनता, लालफीताशाही और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का पतन हर मोर्चे पर लोगों को कुचल रहा है, चाहे वह अस्पताल में भर्ती के लिए आवश्यक अनुमति हो या रेमडेसिविर का इंतजाम या बिस्तरों व दवा की कमी वगैरह। हम संवेदनशीलता और करुणा के साथ इन मुद्दों को सुविधाजनक बनाने के लिए उन सभी की सहायता करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
एक पार्टी के रूप में, हम उन स्थानों का पता लगाने और आयोजन करने की प्रक्रिया में हैं जिन्हें अस्थायी सुविधाओं में परिवर्तित किया जा सकता है और उन्हें गंभीरतम संकट का सामना कर रहे यूपी के शहरों में उपयोग के लिए सरकार को सौंप दिया जा सकता है। हम इन स्थानों को सौंपने से पहले बुनियादी सुविधाओं से लैस करने की योजना बना रहे हैं। कुछ स्थानों पर हम ऑक्सीजन पैदा करने वाले उपकरणों की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि जरूरतमंद लोगों को मुफ्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सके। हम उम्मीद कर रहे हैं कि इनमें से कुछ प्रयास अगले कुछ दिनों के भीतर लागू हो जाएंगे।
हम लगातार ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं, जिनका सरकार को तत्काल समाधान करने की जरूरत है और उन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा सके, जिनमें तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। मैंने कुछ मुद्दों के बारे में मुख्यमंत्री को लिखा है जो सरकार को पारदर्शी बनाने, सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करने और प्रभावित लोगों की मदद करने की जरूरत के बारे में है।
इस संकट के दौरान रचनात्मक और सहायक बने रहने के लिए यूपी के लोगों के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता है। हम किसी भी हालत में इस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी का राजनीतिकरण नहीं करेंगे। हम यूपी के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से समझते हैं। मैंने यूपी सरकार को भी अपना सहयोग देने की पेशकश की है।
सवाल : लोग देशभर में असहाय महसूस कर रहे हैं, क्या आपको नहीं लगता कि सरकार आवश्यक तत्परता के साथ जवाब देने में विफल रही है?
जवाब : प्रधानमंत्री इस व्यापक मानव संकट के दौरान सुरक्षा, दिशा या नेतृत्व की भावना प्रदान करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। यह चौंकाने वाला है कि परसों वह एक सार्वजनिक मंच पर थे, हजारों लोगों को संबोधित कर रहे थे, जहां कोई कोविड प्रोटोकॉल नहीं था और ऐसा करते हुए हंस रहे थे। क्या यह मौका हंसने के लिए है? पूरा देश आंसुओं में है। अस्पताल के बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं, दवाइयां कम चल रही हैं, श्मशान भरे हुए हैं, फ्रंटलाइन कार्यकर्ता समाप्त हो गए हैं ..।
यह खबर भी पढ़ें: ‘दूल्हे’ का था किसी और से प्रेम संबंध, शादी से पहले ही अपनी होने वाली ‘दुल्हन’ के साथ कर दिया ऐसा कांड…
नेतृत्व कहां है? योजना कहां है? हमारे पास सुविधाओं की कमी क्यों है? पीएम फंड से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल कहां किया जा रहा है? उन्होंने टीकों, बिस्तरों, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर- पांच बड़ी कमी को दूर करने के लिए कुछ क्यों नहीं किया? क्या वह अपनी सरकार की खराब योजना और अक्षमता की जिम्मेदारी लेंगे?
और देशभर में छोटे व्यवसायों में लाखों गरीबों और लाखों ईमानदार कामगारों के बारे में क्या? अब वे क्या करेंगे कि हम आसन्न लॉकडाउन और आगे की पीड़ा का सामना कर रहे हैं? मोदी सरकार उन्हें समर्थन देने के लिए क्या कर रही है? यूपी सरकार के अपने सेरो सर्वे के नतीजों से पता चला है कि 5 करोड़ लोगों को मिला है वायरस, कई अन्य सेरो सर्वे में दूसरी लहर आने के संकेत दिखाई दिए, मोदी सरकार ने इस शोध में से कुछ को ब्लॉक क्यों किया और इसके निष्कर्षों को नजरअंदाज कर दिया।
देशभर में डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स कोविड के खिलाफ युद्ध लड़ते हुए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और प्रधानमंत्री ने उनके बीमा कार्यक्रमों को रद्द करके उन्हें दंडित किया है।
–आईएएनएस
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khsnews · 4 years ago
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विभूषण पंडित छनूलाल मिश्रा ने कोरोना से जान गंवाने वाली अपनी बेटी की मौत की जांच की मांग की. पहली पत्नी ने खोई बेटी, 20 दिन के लिए इंसाफ मांग�� पद्म भूषण पंडितानी लाल मिश्रा ने करुणा से अपनी जान गंवाने वाली बेटी की मौत की जांच की मांग की। पहली पत्नी ने फिर खोई बेटी, 20 दिन का इंसाफ
विभूषण पंडित छनूलाल मिश्रा ने कोरोना से जान गंवाने वाली अपनी बेटी की मौत की जांच की मांग की. पहली पत्नी ने खोई बेटी, 20 दिन के लिए इंसाफ मांगा पद्म भूषण पंडितानी लाल मिश्रा ने करुणा से अपनी जान गंवाने वाली बेटी की मौत की जांच की मांग की। पहली पत्नी ने फिर खोई बेटी, 20 दिन का इंसाफ
हिंदी समाचार स्थानीय उत्तर प्रदेश विभूषण पंडित छनूलाल मिश्रा ने अपनी बेटी की मौत की जांच की मांग की, जिसने कोरोना से अपनी जान गंवाई थी। पहली पत्नी ने खोई बेटी, 20 दिन से मांग रही थी इंसाफ daughter विज्ञापनों से परेशान हैं? बिना विज्ञापनों के समाचारों के लिए डायनामिक भास्कर ऐप इंस्टॉल करें वाराणसी10 मिनट पहले प्रतिरूप जोड़ना पंडित छन्नोलाल बोले- जिस अस्पताल में बेटी भर्ती थी वहां सीसीटीवी…
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jainyupdates · 4 years ago
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कड़ाके की ठंड में 11 घंटे नाली में पड़ी रही नवजात, फिर सामने आई करुणा और कशमकश की दास्तान
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अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Updated Wed, 23 Dec 2020 06:13 AM IST demo pic… – फोटो : Instagram पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP! सार बिन ब्याही मां ने दिया बच्ची को जन्म, कड़कड़ाती सर्दी में बच्चे को नाली में फेंका… अगले दिन एक युवती की नजर पड़ी तो उसने कराया चाचा नेहरू अस्��ताल में भर्ती, पुलिस कर रही जांच बच्ची की हालत…
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